आंदोलन पहले भी होते थे
लेकिन तब #प्रशासन हाथ जोड़ता था
और आज हाथ तोड़ता है
धरने प्रदर्शन बाबा टिकैत भी करते थे
अपनी बात भी सिरे लगाते थे
लेकिन किसी #किसान के लाठी छोड़ थप्पड़ भी नहीं पड़ने देते थे
आज भी आंदोलन होते हैं
हाथ पैर भी तुड़वा लेते हैं
और कुछ बनता भी नहीं है
इतना अंतर कैसे आ गया
Vnita Kasnia Punjab
जहां तक मैं समझती हूं #महेंद्र_सिंह_टिकैत के #आंदोलनों की #सफलता का कारण उनके #डंडे में किसी #पार्टी का झंडा ना होना था
आज सरकारें आंदोलन विफल करने के लिए उसमें अपने प्यादे घुसा देती है और उनकी पहचान करने में हम विफल रहते हैं
#किसान_आंदोलन
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